Kavita Jha

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मेरी कविताएं मेरा मोह और यमराज #लेखनी दैनिक काव्य प्रतियोगिता -21-Oct-2022

मेरी कविताएंँ और यमराज (# मोह)

आऐंगे जब यमराज 

मेरे पास
तो सोचा है अब
मैंने भी कुछ खास
आ रही है मुझको भी
ये जिंदगी अब रास

बढ़ रहा है अब मोह

 इस जीवन के प्रति 


यमराज जी से मिन्नत करूंँगी
थोड़ी मोहलत मैं  मांँगूंगी
अपनी यादों के पिटारे को

 भरने की
इजाजत मैं चाहूंगी

कविताऐं जो जन्म रही है

 इस मन में
उसे लिखने का समय 

मैं मांँग लूंँगी
और यमराज जी को 

अपने पास बैठाकर
चाय पानी पिलाकर
अपनी कुछ कविताऐं सुना दूंँगी
जिनको सुनकर 

पक्का वो अपना इरादा  

जाएंगे बदल
और कहेंगे मुझसे
तू अभी रह यहीं इसी धरती पर
और
यूंँ ही लिखती रह
पाठक तेरी नई रचनाओं का
कर रहे हैं इंतजार 

अपनी लेखनी से बदल दे
तू ये संसार
मिटा दे जड़ से सारी बुराईयों को
भ्रष्टाचार अत्याचार बलात्कार
आरक्षण बेरोजगारी दहेज और घरेलू हिंसा
सब पर लिख डाल तू
अपनी लेखनी का दिखा दे कमाल तू
और
अपने हास्य व्यंग्य से
पाठकों के मन में करके गुदगुदी
कर दे तू अपनी लेखनी से उनके गम को कम
प्रेम गीत से भर दे पाठकों के जीवन में तू
मधुर संगीत
बढ़ जाए उनके बीच प्रीत
स्त्री और पुरुष में रहे न भेद
बेटी के विवाह में न देना पड़े दहेज
लिख डाल तू वो सब जो लिखना चाहती है
अपने मन का जो कहना चाहती है

मोह माया में पड़े रहना चाहती है
या फिर....
ऐसा न हो जाए कि कहीं
मेरी कविताऐं सुन हो जाए वो बोर
और छोड़ कर अपना बहीखाता मेरे ही पास
जाएं वो भाग....
रह तू अभी यहीं
वरना उस लोक में भी
कर देगी तू सबको बोर
मचा कर अपना ये फालतू का शोर
मरने के बाद भी तू
किसी को रहने नहीं देगी चैन से
यहीं रह तू
और
लिख अपने पेन से
हर हाल में जीत तो मेरी ही होगी
और मैं लिखती ही रहूँगी 

नित नई कहानी और कविता

फंसी रहूंगी इनके मोह में

मेरी बेटियांँ ही तो हैं मेरी कविताएंँ

मैं इन्हें जन्म देती  ही रहूंगी

****

कविता झा'काव्या कवि'

#, लेखनी दै

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6 Comments

Teena yadav

22-Oct-2022 07:06 PM

Amazing

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Muskan khan

22-Oct-2022 05:08 PM

Superb 👌

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सुन्दर सृजन

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